विदेशों में पति इनदिनों
असुरक्षा की भावना से ग्रस्त हैं
अपनी पत्नियों के अघोषित
प्रेमियों से त्रस्त हैं।
बच्चों का जन्म सम्बन्धी
आंकडा काबिले गौर है
हर पांचवें बच्चे का
पिता कोई और है ।
बाप होने की ग़लतफ़हमी में
परवरिश का खर्च सहे
और बच्चा सूने में बाप
किसी और को कहे
कोई भी पिता ये कैसे
कर सकता था गंवारा
पर डीएनए टेस्ट के बिना
नही था कोई चारा ।
अधिकांश पिताओं ने अपने
बच्चों का डीएनए टेस्ट कराया
परिणाम देखकर उनका
सर और चकराया ।
टेस्ट का नतीजा बेहद
चौंकाने वाला निकला
पांचवें की जगह हर दूसरा
बच्चा ही किसी और का निकला ।
कई केस तो बच्चों के मुचुवल
ट्रान्सफर से सुलझ गए
पर कुछ पेचीदा मामले थे
जो बेहद उलझ गए ।
कई रंगीन मिजाज पत्नियों की
परेशानियाँ काफी बढ़ गयी
असली पिता को ढूँढने की जिम्मेदारी
उनके सर चढ़ गयी ।
कौन करे इन मूढ़ पतियों
से बेवजह तर्क
जना तो हमने ही है
पिता से क्या पड़ता है फर्क ।
कह दिया असली पिता को ढूँढने
पर कोई उनसे पूछना
आसान होता है क्या
भूसे के ढेर में सुई को ढूंढ़ना ।
रिश्ते तो राह चलते बना करते थे
पहचान क्षणिक होती थी
जिस्मानी भूख होती थी फकत
भावना नही तनिक होती थी ।
न कोई डर होता था न भय
क्या जमाना था
कमबख्त डीएनए टेस्ट को भी
अभी ही आना था ।
Wednesday, January 2, 2008
कम्बख्त डीएनए टेस्ट
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